राष्ट्रीय अवशेष नियंत्रण योजना (एनआरसीपी) यूरोपीय संघ के देशों को निर्यात के लिए एक वैधानिक आवश्यकता है। एनआरसीपी के तहत, जीवाणुरोधी/पशु चिकित्सा औषधीय उत्पादों और पर्यावरण संदूषकों जैसे पदार्थों के अवशेषों की निगरानी के लिए हर साल निश्चित नमूना अनुसूची और नमूना रणनीति तैयार की जाती है। समुद्री राज्यों में स्थित हैचरी, फीड मिलों, जलकृषि फार्मों और प्रसंस्करण संयंत्रों से नमूने एकत्र किए जाते हैं और निम्नलिखित पदार्थों के किसी भी अवशेष/संदूषक की उपस्थिति के लिए परीक्षण किया जाता है:

समूह ए – अनाबोलिक (उपचय) प्रभाव वाले पदार्थ और अनधिकृत पदार्थ:

क्र.सं.पदार्थ/समूहपैरामीटर्स
1स्टिलबेन्स (1)

डायथाइल स्टिलबेस्ट्रोल

डायनेस्ट्रोल

हेक्सेस्ट्रोल

2स्टेरॉयड (3)

17- बीटा एस्ट्राडियोल,

प्रोजेस्टेरोन और

मेड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन एसीटेट

3परिषद विनियमन (ईईसी) संख्या 2377/90 (6) के अनुबंध IV में शामिल यौगिक

क्लोरैम्फेनिकॉल,

नाइट्रोफुरन (4) और उनके मेटाबोलाइट्स (4)

नाइट्रोइमिडाजोल (7)

समूह बी पदार्थ – पशु चिकित्सा दवाएं और पर्यावरण संदूषक:

क्र.सं.पदार्थ/समूह पैरामीटर (मापदंडों)
1जीवाणुरोधी पदार्थ (बी1)

4-एपिमर्स साथ टेट्रासाइक्लिन (3)

सल्फोनोमाइड्स (11)

क्विनोलोन/फ्लोरो-क्विनोलोन (9)

मैक्रोलाइड्स (4)

बीटा लैक्टम (6)

लिंकोसामाइड

डायमिनोपाइरामिडाइन्स

डॉक्सीसाइक्लिन

सेफलोस्पोरिन (2)

2कृमिनाशक (बी2ए)

इवरमेक्टिन

एमेमेक्टिन

3पीसीबी सहित ऑर्गेनोक्लोरिन यौगिक (बी3ए)

डीडीटी, बीएचसी आइसोमर्स, एल्ड्रिन, डायलड्रिन, हेप्टाक्लोर, क्लोर्डेन, एंड्राइन, एचसीबी।

पॉली-क्लोरीनेटेड बाय-फिनाइल्स (पीसीबी)

4रासायनिक तत्व (बी3सी)पारा (एचजी ), कैडमियम (सीडी), आर्सेनिक (एएस) और लेड (पीबी)
5मायकोटॉक्सिन (बी3डी)एफ्लाटॉक्सिन बी1 और बी2
6डायस (बी3ई)

 मैलाकाइट हरा और ल्यूको-मैलाकाइट हरा

क्रिस्टल वायलेट और ल्यूको-क्रिस्टल वायलेट

एमपीईडीए गुनि प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए अन्य अवशेष निगरानी/नियंत्रण कार्यक्रम निम्नलिखित हैं:

  1.  राष्ट्रीय स्तर पर कीटनाशक अवशेषों की निगरानी (एमपीआरएनएल):- यह कृषि विभाग (एमओए) द्वारा वित्त पोषित एक चालू परियोजना है। सभी समुद्री राज्यों से एकत्रित अंतर्देशीय मछलियों, क्रस्टेशियंस और मोलस्कैन के नमूनों का विश्लेषण कोच्ची  में एमपीईडीए गुनि प्रयोगशाला द्वारा ऑर्गेनो-क्लोरीन कीटनाशक अवशेषों के लिए किया जाता है।
  1. रेडियो न्यूक्लाइड की निगरानी:- प्रकृतिकृत पकड़ी गई मत्स्यो, श्रिम्प और सेफेलोपोड्स के नमूने विभिन्न क्षेत्रों से एकत्र किए जाते हैं और रेडियो न्यूक्लाइड के विश्लेषण के लिए बीएआरसी, मुंबई को भेजे जाते हैं।