एक्वाकल्चर मुख्य रूप से मानव उपभोग के लिए मछली या शंख का उत्पादन करने वाली गतिविधि है। यह तालाबों, बाड़ों या खुले जल निकायों में किया जाता है और इस प्रकार यह  पर्यावरण के साथ निरंतर रूप से संपर्क में रहता है। एक्वाकल्चर एक चिरस्थाई गतिविधि हो सकती है, अगर इसे सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से अच्छी जलकृषि प्रथाओं को अपनाकर किया जाता है। चिरस्थाई एक्वाकल्चर का अर्थ है एक जलकृषि उत्पादन प्रणाली जो पर्यावरण और जीवित प्रणालियों के साथ सामंजस्य बिठाती है, जहां तक ​​संभव हो नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करती है, जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास के करीब रहने की स्थिति प्रदान करती है और साथ ही साथ मानव और सामाजिक इलाके का वातावरण के साथ तालमेल बिठाती है। बेहतर प्रबंधन प्रथाओं (बीएमपी) को अपनाकर चिरस्थाईता हासिल की जा सकती है। बीएमपी में कानूनी अनुपालन, सामाजिक जिम्मेदारी, अच्छी साइट का चयन और फार्म निर्माण, तालाब की तैयारी से लेकर हार्वेस्ट (फसल) और हार्वेस्ट के बाद प्रबंधन गतिविधियों तक खेत प्रबंधन में अच्छी प्रथाएं शामिल हैं। बीएमपी को अपनाने से एक तरफ बेहतर उत्पादन, उत्पादकता और दूसरी तरफ पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ और रिटर्न भी मिलेगा ।